मुक्तक
मुक्तक
दिल ये क्यों “””बे क़रार रहता है
क्यों नहीं “””इख़्तियार रहता है
कौन है वो कि हर घड़ी जिसका
आज़ “”””””भी इन्तजार रहता है
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ० प्र०)
मुक्तक
दिल ये क्यों “””बे क़रार रहता है
क्यों नहीं “””इख़्तियार रहता है
कौन है वो कि हर घड़ी जिसका
आज़ “”””””भी इन्तजार रहता है
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ० प्र०)