मुक्तक
हिम्मत न रूकता ,कभी आंधियों से
सहमता ना कभी ,बरबादियों से
चाहा जो हिम्मत, फिर करके छोड़ा
हिम्मत न हिलता कभी, दुश्वारियों से। © प्रमिला श्री
हिम्मत न रूकता ,कभी आंधियों से
सहमता ना कभी ,बरबादियों से
चाहा जो हिम्मत, फिर करके छोड़ा
हिम्मत न हिलता कभी, दुश्वारियों से। © प्रमिला श्री