मुक्तक
मैं जी रहा हूँ तुमको पाने की आस लिये।
मैं जी रहा हूँ तेरी सीने में प्यास लिये।
दर्द उठ जाता है यादों की चोट से-
तनहा वक़्त में तेरा एहसास लिये।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मैं जी रहा हूँ तुमको पाने की आस लिये।
मैं जी रहा हूँ तेरी सीने में प्यास लिये।
दर्द उठ जाता है यादों की चोट से-
तनहा वक़्त में तेरा एहसास लिये।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय