मुक्तक
29-11-प्रथम क्रंदन
एक और शिशिर बीत गया
मन कुछ और रीत गया
पर,जवां होने का गुरुर
कायम है बदस्तूर
अभी कहाँ यारो,
अभी तो अर्धशतक
है तीन कोस दूर।
-©नवल किशोर सिंह
29-11-प्रथम क्रंदन
एक और शिशिर बीत गया
मन कुछ और रीत गया
पर,जवां होने का गुरुर
कायम है बदस्तूर
अभी कहाँ यारो,
अभी तो अर्धशतक
है तीन कोस दूर।
-©नवल किशोर सिंह