मुक्तक
किसी की सादगी को देखकर इजहार मत करना
छुरी से पीठ पीछे तुम किसी पर बार मत कराना
ये दुनियां है बड़ी जालिम समझ पाना है नामुमकिन
जरा सी बात पर “कृष्णा” कभी इनकार मत करना
किसी की सादगी को देखकर इजहार मत करना
छुरी से पीठ पीछे तुम किसी पर बार मत कराना
ये दुनियां है बड़ी जालिम समझ पाना है नामुमकिन
जरा सी बात पर “कृष्णा” कभी इनकार मत करना