मुक्तक
विषय शब्द -धड़कन
दिनांक-17-11-18
मिरी चाहत तेरे दिल का, सुरीला साज बन जाती।
धड़कने भी सुनो हमदम,मधुर आवाज बन जाती।
निगाहों ने निगाहों से इशारों में जो की बातें
दीवानों की मोहब्बत का,अलग अंदाज बन जाती।
बेचैन दिल की धड़कन,सुन हवाएं बेचैन हैं,
न सकुन दिन में हासिल रातों को भी न चैन हैं।
पथराई संवेदना सब ओर बेकली है,
पुतली बनें हैं जलधर,अंबर नीलम नैन हैं।
नीलम शर्मा ✍️