मुक्तक
(१)
सम्मान सम्मानित हुआ
मंच भी पुलकित हुआ
समर्थ कलम है आपकी ,
जो रचा सुचर्चित हुआ
?हेमा तिवारी भट्ट
[12/11, 4:12 PM] bhatthema3:
(२)
शब्दों का शोर सुखद तराना बन जाये
इस कशिश का हर कोई दीवाना बन जाये
जिस प्यार से शब्दों को तुमने यूँ पिरोया
मुमकिन है हर दिल का यह गाना बन जाये
हेमा तिवारी भट्ट