*मुक्तक*
आसमां से ऊँचे हों जिनके हौंसले !
काँटे क्या रोक सकेंगे उनके रास्ते !!
छोटी मोटी मुश्किलों की क्या बिसात !
छोड़ देती है मौत भी उनके रास्ते !!
आसमां से ऊँचे हों जिनके हौंसले !
काँटे क्या रोक सकेंगे उनके रास्ते !!
छोटी मोटी मुश्किलों की क्या बिसात !
छोड़ देती है मौत भी उनके रास्ते !!