Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2018 · 1 min read

मुक्तक

वक़्त के साँचे में ढल कर हम लचीले हुए,
रफ़्ता-रफ़्ता ज़िन्दगी के पेंच सब ढीले हुए,
इस तरक़्क़ी से भला क्या फ़ायदा हमको हुआ?
प्यास तो कुछ बुझ न पाई, होंठ बस गीले हुए…..

Language: Hindi
5 Likes · 413 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आधी बीती जून, मिले गर्मी से राहत( कुंडलिया)
आधी बीती जून, मिले गर्मी से राहत( कुंडलिया)
Ravi Prakash
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
Aadarsh Dubey
वक़्त को गुज़र
वक़्त को गुज़र
Dr fauzia Naseem shad
Sometimes you have to
Sometimes you have to
Prachi Verma
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
VINOD CHAUHAN
भगवान श्री परशुराम जयंती
भगवान श्री परशुराम जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2313.
2313.
Dr.Khedu Bharti
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
Jyoti Khari
#लघुकथा / #न्यूज़
#लघुकथा / #न्यूज़
*Author प्रणय प्रभात*
हाथों ने पैरों से पूछा
हाथों ने पैरों से पूछा
Shubham Pandey (S P)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Outsmart Anxiety
Outsmart Anxiety
पूर्वार्थ
कलियुगी रिश्ते!
कलियुगी रिश्ते!
Saransh Singh 'Priyam'
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
हर पाँच बरस के बाद
हर पाँच बरस के बाद
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
कवि दीपक बवेजा
*ट्रक का ज्ञान*
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
अंसार एटवी
सरपरस्त
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
सफ़र जिंदगी का (कविता)
सफ़र जिंदगी का (कविता)
Indu Singh
समा गये हो तुम रूह में मेरी
समा गये हो तुम रूह में मेरी
Pramila sultan
मानव हमारी आगोश में ही पलते हैं,
मानव हमारी आगोश में ही पलते हैं,
Ashok Sharma
मेघ गोरे हुए साँवरे
मेघ गोरे हुए साँवरे
Dr Archana Gupta
........
........
शेखर सिंह
"कैंची"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...