Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2018 · 1 min read

मुक्तक

वक्त में ताक़त बहुत ख़ुद ही बदलना सीखले।
छोड़कर आलस्य तू ख़ुद ही सँभलना सीखले।
रेत के मानिंद मुठ्ठी में रुका है वक्त कब-
कर्म कर पथ शूल को ख़ुद ही कुचलना सीखले।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी, (उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
shabina. Naaz
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
शेखर सिंह
फूल
फूल
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
******प्यारी मुलाक़ात*****
******प्यारी मुलाक़ात*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़िन्दगानी  में  ऐसा  हाल न हो ।
ज़िन्दगानी में ऐसा हाल न हो ।
Dr fauzia Naseem shad
*📌 पिन सारे कागज़ को*
*📌 पिन सारे कागज़ को*
Santosh Shrivastava
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
Shashi kala vyas
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
Mahima shukla
संवेदना(कलम की दुनिया)
संवेदना(कलम की दुनिया)
Dr. Vaishali Verma
थोड़ा राज बनकर रहना जरूरी हो गया है दोस्त,
थोड़ा राज बनकर रहना जरूरी हो गया है दोस्त,
P S Dhami
If you want to be in my life, I have to give you two news...
If you want to be in my life, I have to give you two news...
पूर्वार्थ
राम ने कहा
राम ने कहा
Shashi Mahajan
आने वाले वक्त का,
आने वाले वक्त का,
sushil sarna
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
Shweta Soni
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*आज का मुक्तक*
*आज का मुक्तक*
*प्रणय*
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
"कैसे कहूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
Pramila sultan
**मातृभूमि**
**मातृभूमि**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
*रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व*
*रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व*
Ravi Prakash
अपने वही तराने
अपने वही तराने
Suryakant Dwivedi
सुप्रभात!
सुप्रभात!
Sonam Puneet Dubey
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4141.💐 *पूर्णिका* 💐
4141.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
Rekha khichi
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
Rj Anand Prajapati
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
Swami Ganganiya
Loading...