मुक्तक
देश के ही लिए मेरा हर काम हो
देश के ही लिए मेरी हर शाम हो
मेरा तन मेरा मन सब वतन के लिए
आखिरी साँस भी देश के नाम हो।
अशोक छाबडा
30012018
देश के ही लिए मेरा हर काम हो
देश के ही लिए मेरी हर शाम हो
मेरा तन मेरा मन सब वतन के लिए
आखिरी साँस भी देश के नाम हो।
अशोक छाबडा
30012018