Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2018 · 1 min read

मुक्तक

” मैने चाहा कि बता दूँ मैं हक़ीक़त अपनी
तूने लेकिन न मेरा राज़-ए-मुहब्बत समझा
मेरी उलझन मेरे हालात यहाँ तक पहुंचे
तेरी आँखों ने मेरे प्यार को नफ़रत समझा “

Language: Hindi
194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"तुम्हें याद करना"
Dr. Kishan tandon kranti
बातें
बातें
Sanjay ' शून्य'
बिटिया !
बिटिया !
Sangeeta Beniwal
हस्ती
हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
Paras Nath Jha
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
gurudeenverma198
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
शिक्षक
शिक्षक
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
*कोटा-परमिट का मिला ,अफसर को हथियार* *(कुंडलिया)*
*कोटा-परमिट का मिला ,अफसर को हथियार* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मन मस्तिष्क और तन को कुछ समय आराम देने के लिए उचित समय आ गया
मन मस्तिष्क और तन को कुछ समय आराम देने के लिए उचित समय आ गया
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
LOVE-LORN !
LOVE-LORN !
Ahtesham Ahmad
बड़े लोग क्रेडिट देते है
बड़े लोग क्रेडिट देते है
Amit Pandey
सुबह को सुबह
सुबह को सुबह
rajeev ranjan
वक्त गुजर जायेगा
वक्त गुजर जायेगा
Sonu sugandh
इश्क इवादत
इश्क इवादत
Dr.Pratibha Prakash
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
प्रेमदास वसु सुरेखा
बेटियां
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
क्या पता...... ?
क्या पता...... ?
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
Mamta Singh Devaa
नित्य करते जो व्यायाम ,
नित्य करते जो व्यायाम ,
Kumud Srivastava
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
Neelam Sharma
23/20.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/20.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां का घर
मां का घर
नूरफातिमा खातून नूरी
"न तितली उड़ी,
*Author प्रणय प्रभात*
रामायण में हनुमान जी को संजीवनी बुटी लाते देख
रामायण में हनुमान जी को संजीवनी बुटी लाते देख
शेखर सिंह
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
"बेखुदी "
Pushpraj Anant
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
Loading...