मुक्तक
छिन्न -भिन्न अस्त -व्यस्त ये शब्द न जीवन में भाते
कृत्य सर्व सुखाय करें सन्तोष मिले न अकुलाते
उत्तम भाव त्याग समर्पण कर सुखी मन मस्त रहे
जिंदगी है बहती सी नदी रुकते जल सड़ जाते
छिन्न -भिन्न अस्त -व्यस्त ये शब्द न जीवन में भाते
कृत्य सर्व सुखाय करें सन्तोष मिले न अकुलाते
उत्तम भाव त्याग समर्पण कर सुखी मन मस्त रहे
जिंदगी है बहती सी नदी रुकते जल सड़ जाते