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29 May 2018 · 1 min read

मुक्तक

बेवफाओं की कोई सूरत नहीं होती!
नाखुदाओं की कोई मूरत नहीं होती!
खुदगर्ज सा जिन्दा है इंसान दुनिया में,
हैवानियत पर कोई हैरत नहीं होती!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
454 Views
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