मुक्तक
पीर ही पीडितों की सदा गाऊँ मैं,
शासको तक उसे ले दिखा जाऊँ मैं।
हक मिले हो भला ये मिरे हाथ ही,
शारदे माँ मिरी वर यही पाऊँ मैं।।
अशोक छाबड़ा 06042018
पीर ही पीडितों की सदा गाऊँ मैं,
शासको तक उसे ले दिखा जाऊँ मैं।
हक मिले हो भला ये मिरे हाथ ही,
शारदे माँ मिरी वर यही पाऊँ मैं।।
अशोक छाबड़ा 06042018