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17 Feb 2018 · 1 min read

मुक्तक

मैं तेरे दर्द को ईनाम समझ लेता हूँ!
मैं तेरी याद को पैगाम समझ लेता हूँ!
ढूढता हूँ जब भी मदहोशी पैमानों की,
मैं तेरी अदाओं को जाम समझ लेता हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
493 Views
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