मुक्तक
आज अपने गम को मिटाने निकल पड़ा हूँ!
आज तेरी याद को भुलाने निकल पड़ा हूँ!
जाग उठी हैं रौनकें शामे–मयकदों की,
आज लबों की प्यास बुझाने निकल पड़ा हूँ!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
आज अपने गम को मिटाने निकल पड़ा हूँ!
आज तेरी याद को भुलाने निकल पड़ा हूँ!
जाग उठी हैं रौनकें शामे–मयकदों की,
आज लबों की प्यास बुझाने निकल पड़ा हूँ!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय