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28 Jan 2018 · 1 min read

मुक्तक

आज हवा भी जरा सी नम हो गयी है!
गमे–जुदाई भी बेरहम हो गयी है!
धड़कनों में उठ रही है दर्द की लहर,
आँखों में नींद भी कुछ कम हो गयी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
441 Views
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