मुक्तक
हमारी प्यास का ये अब खुला समर्पण है
हमारे पास था जो सब तुम्हीं को अर्पण है
हमारी आँख में जो बूँद झिलमिलाई है
तुम्हारे प्रेम का ये आँसुओं से तर्पण है
हमारी प्यास का ये अब खुला समर्पण है
हमारे पास था जो सब तुम्हीं को अर्पण है
हमारी आँख में जो बूँद झिलमिलाई है
तुम्हारे प्रेम का ये आँसुओं से तर्पण है