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17 Jan 2018 · 1 min read

मुक्तक

दो पैसे क्या मिले अहं में, हम सब कितना फूल गए,
अपनी छोड़ सभ्यता, पश्चिम की संस्कृति में झूल गए।
हवा चली बदलाव की ऐसी, जिसने इतना बदल दिया,
हनी सिंह तो याद रहे पर, भगत सिंह को भूल गए।।
©विपिन शर्मा

Language: Hindi
443 Views
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