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15 Dec 2017 · 1 min read

मुक्तक

हम सभी मरते हैं लेकिन जीते नहीं सभी!
जाम को हाथों में लेकर पीते नहीं सभी!
हर रोज ढूंढ लेते हैं यादों में दर्द को,
अपने जिगर के जख्मों को सीते नहीं सभी!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
369 Views
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