मुक्तक
चिराग जल रहें हैं रोशनी की ख्वाहिश में
किसी को क्या पता है दर्द क्या नुमाइश में
हमें पता है इश्क का मुकाम क्या होगा
हमें तो आ रहा है लुत्फ आज़माईश में
चिराग जल रहें हैं रोशनी की ख्वाहिश में
किसी को क्या पता है दर्द क्या नुमाइश में
हमें पता है इश्क का मुकाम क्या होगा
हमें तो आ रहा है लुत्फ आज़माईश में