“मुक्तक”
“मुक्तक”
बधाई हो सबको सम्मान का यह दिन।
हिंदी माँग बिंदी बहुमान का यह दिन।
परस्पर का नाता है भाषा निराली-
कोयली सी बोली पहचान का यह दिन।।-1
प्रवाह प्रखर सरिता बहाती है हिंदी।
मातृ महिमा लोरी सुनाती है हिंदी।
मंगलमयी यात्रा सफलता की देवी-
प्रेम हर जुबान भर सुहाती है हिंदी।।-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी