मुक्तक
होते ही सुबह तेरी तस्वीर से मिलता हूँ!
तेरी तमन्नाओं की जागीर से मिलता हूँ!
नजरों को घेर लेता है यादों का समन्दर,
चाहत की बिखरी हुई तकदीर से मिलता हूँ!
मुक्तककार – #मिथिलेश_राय
होते ही सुबह तेरी तस्वीर से मिलता हूँ!
तेरी तमन्नाओं की जागीर से मिलता हूँ!
नजरों को घेर लेता है यादों का समन्दर,
चाहत की बिखरी हुई तकदीर से मिलता हूँ!
मुक्तककार – #मिथिलेश_राय