मुक्तक
आज गुरु पूर्णिमा है
दुर्दिनों के दौर में कमाल होगया ।
रज चरण चूम ली वो मालामाल होगया ।
भव पार उतरना है तो चरणों में आइये
जो आगया शरण में वो निहाल हो गया ।
अनिल उपहार
आज गुरु पूर्णिमा है
दुर्दिनों के दौर में कमाल होगया ।
रज चरण चूम ली वो मालामाल होगया ।
भव पार उतरना है तो चरणों में आइये
जो आगया शरण में वो निहाल हो गया ।
अनिल उपहार