Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2017 · 1 min read

मुक्तक

जरूरत एक छोटी सी जीने को सब क्यों होती है
? ? ? ? ? ? ?
हरपल उनके दीदार की ख्वाहिश अब क्यों होती है
? ? ? ? ? ? ?
वो तो बस तकरार थी उनके लबों की मेरे लबों से
? ? ? ? ? ? ?
इन नासमझ लबों पर बस एक तलब क्यों होती है
? ? ? ? ? ? ?

Language: Hindi
1 Like · 485 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
योगी
योगी
Dr.Pratibha Prakash
किसी से उम्मीद
किसी से उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
शेखर सिंह
23/129.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/129.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🪷पुष्प🪷
🪷पुष्प🪷
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
जलन इंसान को ऐसे खा जाती है
जलन इंसान को ऐसे खा जाती है
shabina. Naaz
ख़ता हुई थी
ख़ता हुई थी
हिमांशु Kulshrestha
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
विमला महरिया मौज
कहू किया आइ रूसल छी ,  कोनो कि बात भ गेल की ?
कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
DrLakshman Jha Parimal
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
"महंगाई"
Slok maurya "umang"
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
*देना इतना आसान नहीं है*
*देना इतना आसान नहीं है*
Seema Verma
"तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
मुझे न कुछ कहना है
मुझे न कुछ कहना है
प्रेमदास वसु सुरेखा
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नमो-नमो
नमो-नमो
Bodhisatva kastooriya
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
भाव और ऊर्जा
भाव और ऊर्जा
कवि रमेशराज
मुक्तक7
मुक्तक7
Dr Archana Gupta
संबंधों के पुल के नीचे जब,
संबंधों के पुल के नीचे जब,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मैं और दर्पण
मैं और दर्पण
Seema gupta,Alwar
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
Sonam Puneet Dubey
आज हम सब करें शक्ति की साधना।
आज हम सब करें शक्ति की साधना।
surenderpal vaidya
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
हस्ती
हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...