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26 Oct 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरे बगैर जिन्दगी रूठी हुई सी है!
मंजिल भी आगोश से छूटी हुई सी है!
जागी हुई सी रहती हैं ख्वाहिशें लेकिन,
अब राह उम्मीदों की टूटी हुई सी है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
228 Views
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