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19 Oct 2017 · 1 min read

मुक्तक

मेरी शाम जब तेरा इंतजार करती है!
तेरी याद को दिल में बेशुमार करती है!
खुली हुयी सी रहती हैं हसरतों की बाँहें,
ख्वाहिशों को रातों में बेकरार करती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
244 Views
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