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25 Sep 2017 · 1 min read

मुक्तक

यादों की करवट से लकीर सी बन जाती है!
दिल में तरंगों की तस्वीर सी बन जाती है!
जब भी आ जाता है सैलाब तमन्नाओं का,
दर्द की कड़ियों की जंजीर सी बन जाती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
215 Views
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