मुक्तक
जख्मों को भूल जाऊँ दिलशाद करूँ कैसे?
तेरे गम से खुद को आजाद करूँ कैसे?
तेरे बगैर कोई एह्सास नहीं मुझको,
चाहत की दस्तक को बर्बाद करूँ कैसे?
मुक्तककार-#मिथिलेश_राय
जख्मों को भूल जाऊँ दिलशाद करूँ कैसे?
तेरे गम से खुद को आजाद करूँ कैसे?
तेरे बगैर कोई एह्सास नहीं मुझको,
चाहत की दस्तक को बर्बाद करूँ कैसे?
मुक्तककार-#मिथिलेश_राय