मुक्तक
कोई खौफ़ नहीं है मरने से मुझको!
दामन में अश्कों के बिखरने से मुझको!
क्या रोकेगी तन्हाई शामों-सहर की,
जिन्दगी भर इंतजार करने से मुझको!
मुक्तककार-#मिथिलेश_राय
कोई खौफ़ नहीं है मरने से मुझको!
दामन में अश्कों के बिखरने से मुझको!
क्या रोकेगी तन्हाई शामों-सहर की,
जिन्दगी भर इंतजार करने से मुझको!
मुक्तककार-#मिथिलेश_राय