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9 Jul 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरी याद में हम रो भी लेते हैं!
तेरे लिए गमजदा हो भी लेते हैं!
जब रंग सताता है तेरे हुस्न का,
खुद को मयकदों में खो भी लेते हैं!

रचनाकार-#मिथिलेश_राय’

Language: Hindi
279 Views
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