Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरी मुलाकात मुझे याद आ रही है!
भीगी हुई रात मुझे याद आ रही है!
खोया हुआ हूँ फिर से यादों में तेरी,
शबनमी बरसात मुझे याद आ रही है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
अवसाद
अवसाद
Dr. Rajeev Jain
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
पुस्तकें और मैं
पुस्तकें और मैं
Usha Gupta
तहजीब राखिए !
तहजीब राखिए !
साहित्य गौरव
"" *आओ गीता पढ़ें* ""
सुनीलानंद महंत
जगमगाते बच्चों की चमक दिल को भाती है,
जगमगाते बच्चों की चमक दिल को भाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
Jyoti Roshni
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Roopali Sharma
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
इनका एहसास खूब होता है,
इनका एहसास खूब होता है,
Dr fauzia Naseem shad
सम-सामयिक दोहे
सम-सामयिक दोहे
Laxmi Narayan Gupta
* आए राम हैं *
* आए राम हैं *
surenderpal vaidya
तुम,दर-दर से पूछ लो
तुम,दर-दर से पूछ लो
Inder Bhole Nath
Together we can be whatever we wish
Together we can be whatever we wish
पूर्वार्थ
2495.पूर्णिका
2495.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मुज़रिम सी खड़ी बेपनाह प्यार में
मुज़रिम सी खड़ी बेपनाह प्यार में
Er.Navaneet R Shandily
कत्थई गुलाब-शेष
कत्थई गुलाब-शेष
Shweta Soni
आस भरी आँखें , रोज की तरह ही
आस भरी आँखें , रोज की तरह ही
Atul "Krishn"
हर खुशी मांग ली
हर खुशी मांग ली
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
*कुछ चमत्कार कब होता है, कब अनहोनी कोई होती (राधेश्यामी छंद
*कुछ चमत्कार कब होता है, कब अनहोनी कोई होती (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
प्यार शब्द में अब पहले वाली सनसनाहट नहीं रही...
प्यार शब्द में अब पहले वाली सनसनाहट नहीं रही...
Ajit Kumar "Karn"
पापा आपकी बहुत याद आती है
पापा आपकी बहुत याद आती है
Kuldeep mishra (KD)
लोग भय से मुक्त हों  ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
लोग भय से मुक्त हों ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
DrLakshman Jha Parimal
🥰🥰रामायण से सीखिए
🥰🥰रामायण से सीखिए
Swati
.........,
.........,
शेखर सिंह
मैं भी कृष्ण
मैं भी कृष्ण
Sonu sugandh
Loading...