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26 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

मुझसे खता हुई है तुमसे दिल लगाने की!
तुम भी भूल गये हो राहें पास आने की!
फैली हुई दरारें हैं चाहत के दरमियाँ,
कोशिशें नाकाम हैं जख्मों को भुलाने की!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
186 Views
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