मुक्तक
जवानों चूक मत जाना, पडौसी घात करता है।
फकत वो यार जूतों का न मुख से बात करता है।
चलो फिर आज मिलके करदें, धूर्त के दांत हम खट्टे।
जय-विजय जीत का बिगुल मधुर सुप्रभात करता है।
नीलम शर्मा
जवानों चूक मत जाना, पडौसी घात करता है।
फकत वो यार जूतों का न मुख से बात करता है।
चलो फिर आज मिलके करदें, धूर्त के दांत हम खट्टे।
जय-विजय जीत का बिगुल मधुर सुप्रभात करता है।
नीलम शर्मा