Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरे लिए मैं तन्हा होता जा रहा हूँ!
तेरे लिए मैं खुद को खोता जा रहा हूँ!
अश्कों में मिल गयी हैं यादों की लहरें,
तेरे लिए मैं तन्हा रोता जा रहा हूँ!

मुक्तककार- #महादेव’

Language: Hindi
374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शुभ संकेत जग ज़हान भारती🙏
शुभ संकेत जग ज़हान भारती🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खूबसूरत मन
खूबसूरत मन
Chitra Bisht
बरकत का चूल्हा
बरकत का चूल्हा
Ritu Asooja
"इच्छाशक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
याद आते हैं
याद आते हैं
Juhi Grover
#खरी बात
#खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
आसमान में गूँजता,
आसमान में गूँजता,
sushil sarna
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पंख गिरवी रख लिए
पंख गिरवी रख लिए
Dr. Rajeev Jain
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
कहना क्या
कहना क्या
Awadhesh Singh
छोटे दिल वाली दुनिया
छोटे दिल वाली दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
राम रटलै
राम रटलै
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मुस्कुराते हुए सब बता दो।
मुस्कुराते हुए सब बता दो।
surenderpal vaidya
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
Sanjay ' शून्य'
Our ability to stay focused on the intellectual or creative
Our ability to stay focused on the intellectual or creative
पूर्वार्थ
सुख-दुख का साथी
सुख-दुख का साथी
Sudhir srivastava
नाटक
नाटक
Nitin Kulkarni
दिल की आरजूओं को चलो आज रफू कर ले।
दिल की आरजूओं को चलो आज रफू कर ले।
Ashwini sharma
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
VINOD CHAUHAN
Unrequited
Unrequited
Vedha Singh
चिड़िया!
चिड़िया!
सेजल गोस्वामी
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
संघर्षों को लिखने में वक्त लगता है
संघर्षों को लिखने में वक्त लगता है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
थियोसॉफिकल सोसायटी की एक अत्यंत सुंदर *यूनिवर्सल प्रेयर* है जो उसके सभी कार्यक्र
थियोसॉफिकल सोसायटी की एक अत्यंत सुंदर *यूनिवर्सल प्रेयर* है जो उसके सभी कार्यक्र
Ravi Prakash
4633.*पूर्णिका*
4633.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
काली भजन
काली भजन
श्रीहर्ष आचार्य
चंदा
चंदा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
#इधर_सेवा_उधर_मेवा।
#इधर_सेवा_उधर_मेवा।
*प्रणय*
Loading...