मुक्तक
तेरी आरजू है फिर करीब आयी सी!
तेरे हुस्न की तस्वीर मुस्कुरायी सी!
याद आ रही है तेरी रूबरू लेकिन,
ढूँढती नजर में दर्द की गहरायी सी!
#महादेव_की_कविताऐं’
तेरी आरजू है फिर करीब आयी सी!
तेरे हुस्न की तस्वीर मुस्कुरायी सी!
याद आ रही है तेरी रूबरू लेकिन,
ढूँढती नजर में दर्द की गहरायी सी!
#महादेव_की_कविताऐं’