मुक्तक
कोई ख़ामोशी भी सब कुछ कह जाती है।
कोई चाहत दिल की सब कुछ सह जाती है।
लम्हें बीत जाते हैं गुफ़्तग़ूँ के लेक़िन-
कोई किसी की दिल में याद रह जाती है।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
कोई ख़ामोशी भी सब कुछ कह जाती है।
कोई चाहत दिल की सब कुछ सह जाती है।
लम्हें बीत जाते हैं गुफ़्तग़ूँ के लेक़िन-
कोई किसी की दिल में याद रह जाती है।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय