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20 Apr 2017 · 1 min read

मुक्तक

इश्क रोकर सींचे तो क्या, मतलबी दुनिया बंजर है

मासूमियत चेहरे पे तो क्या, नफरतों का ही मंजर है

यहां बस दिल के बदले में दर्द ऐ दिल ही मिलना है

दिखावे की वफ़ा तो क्या, छुपा जब दिल में खंजर है

Language: Hindi
1 Like · 414 Views
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