#मुक्तक-
#सामयिक_मुक्तक-
■ राजनीति के भड़ासियों पर।
[प्रणय प्रभात]
“आए दिन कोहराम मचाना सीख लिया,
एक-एक तिल ताड़ बनाना सीख लिया।
ख़ुद को पृथ्वीराज समझने वालों ने,
औरों को जयचंद बताना सीख लिया।।”
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●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)