मुक्तक
मुक्तक
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अब हम बुरा-भला पहचानें सही यही है।
कुछ भी बिना विचारे कर लें गलत वही है।
अब धार वक्त की देखें फिर तनिक विचारें।
बातें कभी किसी ने यूं ही नहीं कही है।
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हमको कभी कहीं भी साथी नहीं भुलाना।
चाहत भरी हमेशा छवि निज हमें दिखाना।
कष्टों भरा सफर है यह तो सदा रहेगा।
जो भी भला-बुरा है कुछ भी नहीं छुपाना।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य