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16 Nov 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

यहां अयोग्य हड़पे, आसन है।
मूर्ख-चपाट,कर रहे शासन है।
योग्य जनता, भूखे भटक रहे;
कुत्ते व गदहे खा रहे,राशन है।
pk

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