मुक्तक
मुक्तक
यहां अयोग्य हड़पे, आसन है।
मूर्ख-चपाट,कर रहे शासन है।
योग्य जनता, भूखे भटक रहे;
कुत्ते व गदहे खा रहे,राशन है।
pk
मुक्तक
यहां अयोग्य हड़पे, आसन है।
मूर्ख-चपाट,कर रहे शासन है।
योग्य जनता, भूखे भटक रहे;
कुत्ते व गदहे खा रहे,राशन है।
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