मुक्तक
मुक्तक
1
बाबा बनकर नहीं आपका पाप धुलने आया हूँ
बनकर नेता वोट के लिए नहीं बुलाने आया हूँ
मै हूँ मौला मस्त आपको भी मस्ती में लाने को
हँसा- हँसा कर आप सभी का पेट फूलने आया हूँ
2
मेरा साथ निभाना से ना एक आदमी कँच जाए
मेरी सोच यही रहती है अपरा तफरी मच जाए
आज आप सब मालपुआ जो ठूस-ठूस कर आए हैं
अवधू लगे ठहाका इतना पेट समूचा पच जाए
3
बिल्कुल सोच नहीं रखनी है , पत्नी मुझको मारी है
बिल्कुल सोच नहीं रखनी है ,पत्नी मुझ पर भारी है
पत्नी के डर से ही अनसूया के घर त्रिदेव फँसे
अवधू कहता खुश रहिए पत्नी से दुनिया हारी है
4
कुछ विचित्र जन सरहज ,साली के ऊपर मडराते हैं
पत्नी को कम अधिक पड़ोसन को ही गले लगाते हैं
उनसे क्या लेना है हमको अवधू वे अपना समझें
हम सब इज्जतदार लोग पत्नी के चरण दबाते हैं
5
जो पत्नी को खुश रखता , वह व्यक्ति आदमी आम नहीं
पत्नी की सेवा से बढ़कर , जग में उत्तम काम नहीं
हम पत्नी के चरण दबाएँ , धोते रहे वस्त्र उसके
अवधू सोच रखे ऊँची ,पत्नी का कौन गुलाम नहीं
6
शारीरिक सुख पाने को हम औरों के घर जाएँगे
निश्चित है अपने घर आकर दूजा सुख पहुँचाएँगे
आगे वाली नस्लें यह सब देख तमाशा बिगड़ेंगी
मजा भाड़ में मिल जाएगा कुल का पतन कराएँगे
7
शौक हमारा , शान हमारी , घरवाली है जान हमारी
मुझ पर वह आई है लेकिन , उससे है पहचान हमारी
उसके कपड़े धोता हूंँ तो छाती चौड़ी हो जाती है
मैं हूँ आम भले घर में पर , पत्नी है परधान हमारी
8
हर चुनाव में इंग्लिश देसी ,हर हथियार मँगा लेती है
मेरी बीवी शातिर है , वह सहज सभी को पा लेती है
प्राणनाथ अन्यथा न लेना , इसका वोट झटक लेना है
कह कर मेरे सम्मुख ही , दुश्मन को गले लगा लेती है
9
कभी -कभी पैदल चल देती ,कभी मँगा कर गाड़ी
वोटर के संग टान रही है खुद भी दारू, ताली
मोदी जी जब अधिक दिनों तक टिके बाँट कर राशन
मेरी बीवी टिकी रहेंगी बाँट रही है साड़ी
अवध किशोर अवधू
मोबाइल नंबर 9918854285
दिनांक 31-10-2024