मुक्तक
मुक्तक
अपनी मौत का सामान तैयार किए जा रहे हैं हम
पटाखे पर पटाखे फोड़े जा रहे हैं हम l
परवाह नहीं है हमको अपनों की
खुद ही खुद को फ़ना किए जा रहे हैं हम ll
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
मुक्तक
अपनी मौत का सामान तैयार किए जा रहे हैं हम
पटाखे पर पटाखे फोड़े जा रहे हैं हम l
परवाह नहीं है हमको अपनों की
खुद ही खुद को फ़ना किए जा रहे हैं हम ll
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम