#मुक्तक-
#मुक्तक-
■—-मौसेरे भाई।
【प्रणय प्रभात】
सियासत और चोरी का बड़ा मज़बूत नाता है,
कुपढ़ हो या पढ़ा-लिक्खा न कोई शर्म खाता है।
अलग है भूख लोगों की अलग है हाज़मा सब का,
कोई टोंटी पचाता है, कोई ऐसी पचाता है।।
😊😊😊😊😊😊😊😊😊
#मुक्तक-
■—-मौसेरे भाई।
【प्रणय प्रभात】
सियासत और चोरी का बड़ा मज़बूत नाता है,
कुपढ़ हो या पढ़ा-लिक्खा न कोई शर्म खाता है।
अलग है भूख लोगों की अलग है हाज़मा सब का,
कोई टोंटी पचाता है, कोई ऐसी पचाता है।।
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