मुक्तक,,,,,,
मुक्तक,,,,,,
न सोना न चांदी, न हीरे न मोती ,
मुझे चाहिए इक बनारस की धोती ,
पहन कर मैं चमकूं, सितारें हों जैसे ,
मैं बन जाऊं ऐसी , परी जैसे होती ।
✍️नील रूहानी ,,,12/09/2024,,,,
मुक्तक,,,,,,
न सोना न चांदी, न हीरे न मोती ,
मुझे चाहिए इक बनारस की धोती ,
पहन कर मैं चमकूं, सितारें हों जैसे ,
मैं बन जाऊं ऐसी , परी जैसे होती ।
✍️नील रूहानी ,,,12/09/2024,,,,