#मुक्तक-
#मुक्तक-
■ उपेक्षित किताबें।
【प्रणय प्रभात】
“नए कुछ रंग भरना चाहती हैं,
वो ऊबी हैं उबरना चाहती हैं।
अगर फ़ुर्सत में हों तो बैठिएगा,
किताबें बात करना चाहती हैं।।”
😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘
#मुक्तक-
■ उपेक्षित किताबें।
【प्रणय प्रभात】
“नए कुछ रंग भरना चाहती हैं,
वो ऊबी हैं उबरना चाहती हैं।
अगर फ़ुर्सत में हों तो बैठिएगा,
किताबें बात करना चाहती हैं।।”
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