मुक्तक
मुक्तक
हिन्दी इस जग की पावन भाषा
फैलाती उजियारा है
महके रचनाएं और कहानियां
मिटाती अँधियारा है ll
हिन्दी पर अभिमान है हमको
इसने साहित्य संवारा है
हिन्दी पर गर्वित होते हम
यह अभिमान हमारा है ll
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
मुक्तक
हिन्दी इस जग की पावन भाषा
फैलाती उजियारा है
महके रचनाएं और कहानियां
मिटाती अँधियारा है ll
हिन्दी पर अभिमान है हमको
इसने साहित्य संवारा है
हिन्दी पर गर्वित होते हम
यह अभिमान हमारा है ll
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम