मुक्तक
चार पंक्तियाँ देश के जवानों और किसानों के सम्मान में
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खेतों में रंग लाती जो मेहनत किसान की
तब जाके लहलहाती फ़सल गेहूँ धान की
मत भूलना कि सोता है तब देश चैन से
सरहद पे जब हैं जागतीं आँखें जवान की
जय जवान जय किसान
प्रीतम श्रावस्तवी