मुक्तक
छंद में सज गई गीतिका देखिए
रीत में ढल गई रीतिका देखिए ।
कर रही थी जतन जो सृजन में कभी,
बन गई है सृजन साधिका देखिए
जल उठी दीप से दीपिका देखिए,
खिल उठी प्रेम में प्रेमिका देखिए।
मीरा जोगन दिवानी हुई प्रीत में,
प्रीत में ही अमर राधिका देखिए।।
वन्दना नामदेव